Bihar Teacher Transfer Report 2025
बिहार सरकार द्वारा Special Ground पर शिक्षकों के तबादले को लेकर जारी की गई रिपोर्ट (07 जून 2025 को 09:00 AM तक की स्थिति) शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करती है। इस रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि किस जिले में कितने शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया और उनमें से कितनों को स्कूल आवंटित हुए।
शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर जिलेवार स्थिति में भारी अंतर देखने को मिला है। कुछ जिलों ने सराहनीय प्रदर्शन किया है, वहीं कुछ जिलों में तबादले की प्रक्रिया बेहद कमजोर रही है। उदाहरण के तौर पर, जमुई जिला सबसे आगे रहा, जहाँ लगभग 98.41% शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए गए। कुल 1507 शिक्षकों में से 1483 को स्कूल मिल चुके हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा शियोहर और शेखपुरा जैसे छोटे जिलों ने भी बेहतरीन काम किया है, जहाँ क्रमशः 94.89% और 94.50% शिक्षकों को समय पर स्कूल आवंटन हुआ।
🏆 Bihar Teacher Transfer Report 2025-सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिले
इन जिलों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जहाँ शिक्षकों को सबसे अधिक प्रतिशत में स्कूल आवंटित किए गए:
जिला | कुल आवेदन | स्कूल आवंटन (%) |
---|---|---|
Jamui | 1507 | 98.41% |
Sheohar | 274 | 94.89% |
Sheikhpura | 491 | 94.50% |
Khagaria | 1451 | 78.50% |
Arwal | 402 | 69.90% |
इसके विपरीत कई जिले ऐसे भी रहे जहाँ स्कूल आवंटन की स्थिति बेहद निराशाजनक रही। पश्चिम चंपारण की स्थिति सबसे खराब रही, जहाँ केवल 3.74% शिक्षकों को ही स्कूल मिल पाए हैं। इसी तरह पूर्णिया, बक्सर, दरभंगा और भागलपुर जैसे जिलों में भी स्थानांतरण की प्रक्रिया लगभग ठप सी रही है। इन जिलों में 10% से भी कम शिक्षकों को स्कूल मिल सके हैं, जो कि शिक्षा विभाग की अक्षमता और प्रणाली की असमानता को दर्शाता है।
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Bihar Teacher Transfer Report 2025-सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिले
वहीं दूसरी ओर कुछ जिले ऐसे भी रहे जहाँ तबादले की प्रक्रिया बेहद खराब रही:
जिला | कुल आवेदन | स्कूल आवंटन (%) |
---|---|---|
Pashchim Champaran | 5127 | 3.74% |
Purnia | 3869 | 5.53% |
Buxar | 2452 | 6.73% |
Darbhanga | 5640 | 9.86% |
Bhagalpur | 4653 | 8.27% |
अगर पूरे राज्य की बात करें तो कुल 1,14,669 शिक्षकों ने विशेष आधार पर स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। 7 जून 2025 को सुबह 9 बजे तक केवल 23,034 शिक्षकों को स्कूल आवंटित हुए थे, जो कुल संख्या का महज 20.09% है। हालांकि दोपहर 3 बजे तक यह संख्या बढ़कर 26,507 हो गई, यानी 23.12%। इसका मतलब दोपहर तक केवल 3473 और शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए गए, जो कि बेहद धीमी प्रक्रिया को दर्शाता है।
यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि व्यवस्था में पारदर्शिता और तत्परता की अब भी भारी कमी है। शिक्षक वर्ग पहले ही लंबे समय से अपने तबादले को लेकर संघर्ष कर रहा है और अब भी अधिकांश जिलों में उचित स्कूल आवंटन नहीं हो पाया है। इससे न केवल शिक्षकों का मनोबल प्रभावित होता है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई और स्कूलों की कार्यप्रणाली भी बाधित होती है।